उत्तरप्रदेश में चुनाव से पहले बीजेपी पर रही है कमजोर

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उत्तरप्रदेश में चुनाव को लेकर बीजेपी को बड़ा झटका लग सकता है। उत्तरप्रदेश क्र चुनावी आँखड़े में विधायकों की उठापटक जारी है। चुनाव से पहले ही बीजेपी मुश्किल में पद गई है। दरअसल बीते 24 घंटे में कुल 5 विधायक बीजेपी का साथ छोड़ चुके हैं. इनमें स्वामी प्रसाद मौर्य, ब्रजेश प्रजापति, रोशनलाल वर्मा, भगवती सागर और आरके शर्मा शामिल हैं. इनमें से आरके शर्मा और स्वामी प्रसाद मौर्य सपा का दामन थाम चुके हैं, जबकि शेष अन्य विधायक भी जल्द ही सपा से जुड़ सकते। फिलहाल मौर्य और उनसे जुड़े विधायक, जिन्होंने बीजेपी छोड़ी थी, उनकी तरफ से अलग-अलग बयान आ रहे है। जबकि ब्रजेश प्रजापति का कहना है की केशव हमारे नेता है। प्रशाद 14 तारीख को बैठक के बाद किस पार्टी में जाना है इसका निर्णय लिया जाएगा. अभी किसी भी पार्टी में जाने का निर्णय नहीं लिया गया है। मी प्रसाद मौर्य जिस पार्टी में जाएंगे हम सब उसी पार्टी में साथ जाएंगे। विनय शाक्य के बारे में बात करते हुए प्रजापति ने कहा की वह लम्बे समय से बीजेपी छोड़ना चाहते थे।

उन्होंने सपा की तारीफ़ करते हुए कहा की अखिलेश यादव अच्छे ब्यक्ति हैं और उनकी पार्टी में जाना उमीदों को गले लगाने के बराबर है। गौरतलब है की स्वामी प्रशाद मौर्या दलित नेता हैं और उनकी लोकप्रियता उनकी पार्टी के लिए फायदेमंद शाबित होती है। मौर्या ने न सिर्फ बीजेपी को छोड़ा है बल्कि बीजेपी पर दलितों के अपमान करने का भी आरोप लगाया है। देखा जाए तो बीजेपी के लिए यह एक बड़ा क्षति माना जा सकता है। उत्तरप्रदेश में बीजेपी का एक वोट बैंक दलित समाज भी है ,हालाँकि ज्यादातर दलित समाज के वोट सपा के खाते में है मगर फिर भी बीजेपी को उसकी जरुरत के अनुसार वोट मिल ही जाते हैं। परन्तु अब मौर्या के पार्टी छोड़ने के बाद बीजेपी के लिए यह मुश्किल हो गया है। मौर्या के साथ जिन ४ विधायकों ने इस्तीफा दिया है वह भी बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। हालाँकि बीजेपी लगातार कोशिस कर रही है की स्वामी प्रशाद मौर्या और उनके साथ गए सभी विधायकों को अपने खेमे में फिर से बुला ले इसके लिए बीजेपी ने मौर्य को मनाने की जिम्मेदार दो नेताओं को सौंपी है. इसमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह शामिल है। स्वामी प्रशाद के पार्टी छोड़ने के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रशाद मौर्या ने ट्वीट किया की स्वामी प्रसाद मौर्य ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है मैं नहीं जानता हूं उनसे अपील है कि बैठकर बात करें जल्दबाजी में लिये हुये फैसले अक्सर गलत साबित हो सकते है बाहरहल अब यह देखना होगा की बीजेपी अपने रूठे हुए नेताओ को मना पाती है या नहीं।