चुनाव से पहले बीजेपी का बड़ा दावं ,मुलायम सिंह यादव की बहु अर्पणा यादव बीजेपी में शामिल

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उत्तरप्रदेश 2022 विधान सभा चुनाव से पहले बीजेपी ने एक बड़ा दांव खेल लिया है। बीजेपी ने इस बार यादव परिवार में ही निशाना साध दिया है। दरअसल मुलायम सिंह यादव की छोटी बहु और समाजवादी पार्टी की संरक्षक अपर्णा यादव (aparna yadav) ने अपने परिवार से बगावत कर बीजेपी का दामन थाम लिया है। अपर्णा और यादव परिवार के बिच कौन सी खटपट है इस बात से पर्दा तो नहीं उठ पाया है मगर अपर्णा ने बीजेपी में शामिल होने के बाद कहा की मैं हमेशा से पीएम मोदी से प्रभावित रहीं हूं. राष्ट्र मेरे लिए सबसे पहले है. मैं अब राष्ट्र की अराधना करने निकली हूं, जिसमें मुझे सबका सहयोग चाहिए. अपर्णा ने आगे पीएम मोदी की स्वच्छ भारत अभियान, महिलाओं, रोजगार आदि के लिए चलाए गए अभियानों की तारीफ की। अपर्णा के इस बयान के बाद यह कहा जा सकता है की अपर्णा ने बहुत पहले ही बीजेपी का दामन थामने का मन बना लिया था।

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने उन्हें बीजेपी में शामिल कराया. इस मौके पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद थे आपकी जानकारी के लिए बता दें की अपर्णा मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं. अगर इनके राजनितिक करियर की बात करे तो इन्होने २०१७ के विधानसभा चुनाव से राजनीती में कदम रखा था। इन्होने लखनऊ कैंट विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और बीजेपी की प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी से हार गई थीं। गौरतलब है की रीता बहुगुणा जोशी बीजेपी नेता थी और अपर्णा की हार का कारन बहुगुणा नहीं बल्कि बीजेपी नाम का ब्रांड रहा है। अपर्णा की राजनितिक समझ बुझ नई नई है तो अब सवाल यह बनता है की बीजेपी इस नए खिलाड़ी पर दावं क्यों खेल रही है। तो आइये जानते है इसके पीछे का कारन। तो दरअसल बीजेपी ने अपर्णा को अपने दल में शामिल कर न केवल यादव परिवार में सेंध मारा है बल्कि लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर रही है की सपा एक बार फिर अपने परिवार को संभाल नहीं पा रही है। इसके अलावे अपर्णा एक युवा प्रत्यासी है और पिछली बार के हार का अंता उनके हार का अंतर देखते हुए यह कहा जा सकता है की बीजेपी ने एक सही और सटीक दावं खेला है। हालाँकि सपा को इससे कुछ ख़ास अंतर नहीं पड़ने वाला है क्यूंकि सपा ने पहले ही बीजेपी के खेमे में सेंध मार कर बीजेपी के विनर कैंडिडेटस को अपने खेमे में शामिल कर लिया है। 2017 विधान सभा चुनाव में अपर्णा ने करीब 63 हजार वोट हासिल किए थे. उधर, रीता बहुगुणा जोशी के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई थी जिस पर 2019 में उपचुनाव हुआ था जिसमें भाजपा ने ही जीत दर्ज की थी और सुरेश चंद तिवारी चौथी बार विधायक बने थे। इधर रीता बहुगुणा इसी सीट पर अपने बेटे के लिए टिकट मांग रही है। अब देखना होगा की बीजेपी किसे टिकट दे रही है। उत्तरप्रदेश में जिस तरह पार्टियों के बिच आवागमन हो रहा है उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा की चुनाव से पहले काफी कुछ बदल सकता है।