उत्तरप्रदेश के चुनावी सतरंज में मोहरों की तलाश जारी , दल बदल का खेल अब होगा शुरू

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उत्तरप्रदेश चुनाव को लेकर राजनितिक पार्टियां अपनी चुनावी रफ़्तार को तेज कर लिया है। सभी राजनितिक पार्टियां चुनाव को लेकर अपने रणनीति बनाने में जुट गई है। ऐसे में बीजेपी भी अपने खेमे को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर की आव भगत कर रही है। बीजेपी नेता और जॉइनिंग कमेटी के सदस्य दयाशंकर सिंह ने कल एक बार फिर ओमप्रकाश राजभर से बात की यह मीटिंग बंद कमरे में तक़रीबन 3 घंटे चली। पिछले एक महीने में दया शंकर की राज भर से यह तीसरी मुलाक़ात है। दरअसल राज भर उत्तरप्रदेश चुनावी सतरंज के एक बेहद ख़ास और मजबूत मोहरे हैं। जिसके दम बीजेपी यह दावं जितना चाहती है। गौरतलब है सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी अभी गठबंधन में है।

बीजेपी अपनी रानीति से यह गठबंधन तोड़ के राजभर को वापस अपने में मिलाना चाहती है। राजनितिक दावं पेच की समझ रखने वालों का कहना है दयाशंकर इसी कोशिश में राजभर से बार बार मुलाक़ात कर रहे है। हालाँकि ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर ने इस बात से पर्दा उठाते हुए कहा की यह एक सार्वजनिक मुलाक़ात थी जिसमे  दयाशंकर सिंह अपने लिए गठबंधन सीट पक्की करने आए थे और वह चाहते हैं कि सुभासपा यानी राजभर की पार्टी से वह चुनाव लड़ें लेकिन दयाशंकर की तीसरी मुलाक़ात कुछ और ही बयान कर रही है। दरअसल ओमप्रकाश राजभर का गाजीपुर जिला निर्वाचन क्षेत्र है , जहाँ दलित और पिछड़ा जाती के वोट बैंक पर उनकी पकड़ काफी मजबूत है। इसके अलावे ओबीसी वोटर्स पर भी एक अच्छी पकड़ है और यह पहले भी विनिंग कैंडिडेट रह चुके है। अब ऐसे में राजभर अगर बीजेपी पार्टी में एंट्री कर जाते हैं तो गाजीपुर और आसपास के विधान सभा पर बीजेपी अपनी पकड़ मजबूत कर सकती है। राजभर के तरफ से फिलहाल ऐसी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। उन्होंने अभी तक नहीं बीजेपी से जुड़ने और न सपा से हटने के बारे में कोई बयान दिया है। बंद कंडे में किन बातों पर चर्चा हुई है यह कुछ गिने चुने लोग ही जानते हैं पर सूत्रों के अनुसार राजभर जल्द ही कुछ बड़ा करने वाले हैं।