[6:40 pm, 26/02/2022] Rajeev Kumar Singh: यूक्रेन से लगातार वायरल हो रहीं तस्वीरें इस बात की गवाही दे रही हैं कि वहां के हालात क्या हैं। रूस लगातार हमला कर रहा है। यूक्रेन की राजधानी कीव में स्थिति बेहद गंभीर है। इन सबका प्रत्यक्ष असर बिहार पर भी पड़ रहा है। बिहार के करोड़ों रुपये बर्बाद हो रहे हैं। सबसे ज्यादा नुकसान भागलपुर का हो रहा है। ये बात शत प्रतिशत सत्य है। कोरोना काल से उभरने की उम्मीदों के बीच इस युद्ध ने बिहार और इसके जिले भागलपुर को गहरा झटका दिया है।सिल्क सिटी के नाम से दुनियाभर में मशहूर भागलपुर के रेशमी वस्त्रों की डिमांड पूरी दुनिया में है। यहां से बड़े पैमाने पर रेशमी कपड़ा यूक्रेन में एक्सपोर्ट किया जाता है। यूक्रेन में हुए रूस के हमले का सीधा असर भागलपुर के सिल्क उद्योग पर पड़ रहा है। इस युद्ध के आभास होते ही आर्डर कैंसिल होने लगे।
अनुमान के मुताबिक भागलपुर के सिल्क व्यवसायियों के 25 फीसद आर्डर को रद कर दिया गया है। इधर सिल्क कारोबार से जुड़े लोगों के माथे पर चिंती की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं।सिल्क व्यवसायियों का कहना है कि अब इस डैमेज को कंट्रोल करने में काफी समय लगेगा। उधर यूक्रेन में स्थिति सामान्य कब होगी? इसका भी पता उन्हें नहीं है। लोगों का कहना है कि युद्ध का असर जहां भारतीय शेयर बाजार में देखने को मिल रहा है, तो वहीं अब हमारे भी आर्डर कैंसिल होना किसी से छिप नहीं सकता है।यहां बता दें कि यूरोपीय देशों में भागलपुर सिल्क के अलावा तसर, लेनिन, काटन भी निर्यात होता है। यहां से लूंगी, स्कार्फ, चादर, सिल्क का कपड़ा, सिल्क के धागे आदि एक्सपोर्ट किए जाते हैं। हर साल भागलपुर से यूक्रेन में 30 से 35 करोड़ रुपये का सिर्फ सिल्क निर्यात किया जाता है। युद्ध का इफैक्ट ऐसा है कि आने वाले दिनों में कच्चे तेल के दाम भी बढ़ने की बात कही जा रही है।