चारा घोटाला के पांच मामलों में राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की जमानत पर झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई के बाद अदालत ने उन्हें बड़ी राहत दे दी है। यह मामला जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था। इसी के साथ लालू प्रसाद यादव को कुछ शर्तो के साथ जमानत की सुविधा दे दी गई है।


झारखंड हाई कोर्ट में जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में शामिल लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। झारखंड हाईकोर्ट ने लालू यादव की जमानत याचिका मंजूर कर ली है। हाईकोर्ट में लालू यादव को जमानत की सुविधा प्रदान कर दी है। इस मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने लालू यादव को जमानत दे दी है।
लालू की जमानत पर करीब 12 बजे अदालत ने अपना फैसला सुनाया। लालू के वकील और CBI के वकील ने कोर्ट में अपनी दलीलें पेश की। इसके बाद जज ने लालू को जमानत देने का फैसला किया है। डोरंडा कोषागार मामले में लालू यादव की जमानत का विरोध कर रहे केंद्रीय जांच एजेंसी CBI की तर्क को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
लालू प्रसाद यादव जमानत मिलने के बाद अब जेल से बाहर आ जाएंगे। लालू प्रसाद यादव की ओर से बढ़ती उम्र और 17 प्रकार की बीमारियों का हवाला देते हुए जमानत मांगी गई थी। लालू प्रसाद की ओर से कहा गया कि उन्होंने इस मामले में 41 माह जेल में बिताए हैं। जबकि सजा की आधी अवधि 30 माह ही होती है। वे आधी सजा से 11 माह अधिक जेल में रहे हैं, इसलिए उन्हें अदालत से जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने लगभग 40 महीने जेल में गुजारी है, जो आधी सजा 30 महीने से भी अधिक है। हाईकोर्ट से बेल मिलने के बाद लालू यादव को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने जमानत के लिए यह शर्त रखी है कि लालू यादव को CBI कोर्ट द्वारा सजा के साथ स्वीकार किए गए जुर्माना राशि में से 10 लाख कोर्ट में जमा करनी होगी