महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) ऐसे राजपूत राजा थे जिन्होंने अपने जीते जी मुगल सम्राट अकबर (Akbar) को मेवाड़ और उसके आसपास चैन से नहीं रहने दिया और ना केवल अपना राज्य वापस हासिल किया, बल्कि अकबर का मेवाड़ (Mewar) जीतने का सपना एक सपना बनाकर ही छोड़ दिया। महराणा प्रताप को एक बेमिसाल ऐतिहासिक योद्धा से ज्यादा एक स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर याद किया जाता है।
भारतीय इतिहास (Indian History) में मुगलों को बहुत शक्तिशाली बताया गया है, लेकिन कई मौके ऐसे देखने को मिलते हैं जब किसी भारतीय राजा ने अकबर (Akbar) जैसे शक्तिशाली मुगल सम्राट की भी नाक में दम कर दिया था। हम बात कर रहे हैं मेवाड़ की शान माने जाने वाले महाराणा प्रताप की। महाराणा प्रताप ने शक्तिशाली अकबर से लोहा लिया और उसके साथ दूसरे राजपूत राजाओं के लिए भी मिसाल रखी कि अपनी आन बान और स्वतंत्रता के लिए कैसे लड़ा जा सकता है। सोमवार को पूरा देश उनकी जयंती मना रहा है।
अकबर के मेवाड़ को अधीन करने के प्रयास
पिता उदय सिंह के मौत के बाद 1572 में महाराणा प्रताप मेवाड़ के सिसौदिया राजपूत वंश के 54वें शासक बने थे। लेकिन उनके सौतेले भाई जयमल ही उनके खिलाफ मुगलों से जा मिले। अकबर बिना युद्ध के ही मेवाड़ को अपने अधीन करने का प्रयास कर रहा था। इसके लिए अकबर ने चार बार महाराणा प्रताप के पास संदेश भेजे 1572 में जलाल खां, 1573 में मानसिंह, भगवानदास, और टोडरमल के जरिए समझौते की पेशकश की जिससे युद्ध की जरूरत ना पड़े।