प्रेम में संलिप्त ,प्रेम के प्रतिक भगवान् श्री कृष्ण का आज जन्म दिवस है जिसे भारत के लोग जन्माष्ठमी के रूप में जानते है ।यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन कृष्ण भक्त दिन भर व्रत रखते हैं और रात्रि के समय भगवान कृष्ण का भजन और पूजन किया जाता है। यह पर्व बेहद श्रद्धा और भाव के साथ मनाया जाता है । कृष्ण राजा कंश की बहन देवकी की आठवीं संतान थे जिन्होंने कंश का वध और दुनिया को राक्षसों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था ।
चुकी आकशवाणी से कंश को पता चला था की उसकी बहन देवकी के आठवीं संतान के हाटों उसका बद्ध होगा जिसके वजह से कंश ने देवकी की पिछले ७ सन्तानो का वद्ध कर दिया था । कंश के डर से कृष्ण को उनके पिता वासुदेव ने गंगा पार गोकुल में लाकर छोर दिया जहाँ कृष्ण का लालन पोषण उनके मित्र, गोकुल के राजा नन्द और उनकी पत्नी यशोदा ने किया । कृष्ण ने बाद में कंश का बद्ध किया और संसार का वतारन किया साथ ही साथ एक अच्छे राजा के रूप में भी सदियों तक शाशन किया । उन्ही के जन्म दिन पर हर साल कृष्णजन्माष्ठमी का पर्व मनाया जाता है । ऐसे में इस साल जन्माष्टमी के अवसर पर कई विशेष संयोग बनने जा रहे हैं. श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, तो इस बार भी जन्माष्टमी पर कृष्ण जी के जन्म के समय रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि विद्यमान रहेगी. जिससे जयंती योग का निर्माण होता है. इसके अलावा वृष राशि में चंद्रमा रहेगा. आपको बता दें कि 101 साल बाद जयंती योग का संयोग बनने जा रहा है.