हम आपको बाता रहें हैं एक ऐसे महान व्यक्तित्व और दिव्य पुरुष की गाथा जिसने अपने पूरे जीवन काल में सामाजिक समरसता, महिला सशक्तिकरण और युग निर्माण के लिए सतत प्रयत्नशील रहे.. जिस महान आत्मा को इस वक्त आप स्क्रीन पर देख रहे हैं यह पुण्य आत्मा अब हमारे बीच नहीं रहे..जी हाँ इस महान आत्मा का नाम है स्व. पंडित श्री रमेश चंद्र शुक्ल -यह एक महान संत, समाज सुधारक, विद्वान, दूरदर्शी, और पूर्वी भारत का सबसे बड़ा नेत्र अस्पताल अखंड ज्योति नेत्र अस्पताल के संस्थापक … 2 अगस्त 2021 को इस महात्मा का स्वर्गवास हो गया.. वे 105 वर्ष से अधिक के थे और आजीवन युगऋषि श्रीराम शर्मा आचार्य और गायत्री परिवार के सिद्धांतों के समर्थक रहे। पंडित शुक्ल अपने पूरे कार्यकाल में सामाजिक समानता और परिवर्तन लाने के लिए महिला सशक्तिकरण अधिकारों को कायम रखने के कट्टर समर्थक रहे ।
आपको बता दूँ कि बिहार हीं नहीं अपितु पूरे देश में उनका नाम प्रख्यात है। आधी सदी से भी अधिक समय तक वह इस उद्देश्य पर अडिग रहे कि सामाजिक हठधर्मिता में बोई गई बुराइयों को समाज से हमेशा के लिए छोड़ा जा सके। इनकी सकारात्मक सक्रियता का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले कुछ वर्षों में, एक असफल घुटने की सर्जरी के बाद, उन्होंने बिहार के मस्तीचक गांव के मंदिर परिसर में निवास किया और फिर भी वहां से उन्होंने महिला सशक्तिकरण और समानता के लिए अपना धर्मयुद्ध जारी रखा और समर्थकों का एक गठजोड़ बनाया और पूरे देश में शक्तिपीठों का एक नेटवर्क स्थापित किया जो आज के समाज के लिए अनुकरणीय और पूज्यनीय हैं।
सामाजिक परिवर्तन के शिखर के रूप में उभर रहा पिछले 16 वर्षों से संचालित अखंड ज्योति नेत्र अस्पताल को देखकर,इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके हृदय में सामाज के प्रति कितनी श्रद्धा और समर्पण था। , जिसमें खासकर संस्थान में शामिल लड़कियों को उज्जवल भविष्य के साथ साथ सामाजिक परिवर्तन का पाठ सिखाया जाता है। उनके लिए अखंड ज्योति केवल एक नेत्र चिकित्सालय नहीं था, बल्कि अधिक से अधिक सामाजिक परिवर्तन के लिए एक मंच था। जो बिहार हीं नहीं अपितु भारत का व्यक्तितत्व निर्माण सहित उज्जवल भविष्य के मद्देनजर सामाजिक परिवर्तन का सशक्त उदाहरण हैं।
टीडी न्यूज़ और भारत के समस्त नागरिकों के तरफ से स्व. रमेशचंद्र शुक्ल को विनम्र श्रद्धांजलि..