वेदों के अनुसार हिन्दू धर्म में ३३ करोड़ देवी देवताओं की पूजा की जाती है । मान्यता यह है की यह ३३ करोड़ देवी देवता मिलकर इस सृष्टि को चालाते है । इनमे कई सारे देवताओं की पूजा बड़े ही धूम धाम से होती है । इन्ही पूजाओं में से एक है चित्रगुप्त पूजा । जी हाँ आज चित्रगुप्त पूजा है . दरसल भगवन चित्रगुप्त इंसानो के कर्मो का लेखा जोखा करते है । चित्रगुप्त देवताओं के लेखपाल कहे जाते हैं । और उनकी पूजा भी अलग प्रकार की होती है दरसल उनकी पूजा के दिन नई कलम दवात या लेखनी की पूजा ,उनके प्रतिरूप के तौर पर की जाती है. लेखनी की पूजा से वाणी और विद्या का वरदान मिलता है। यह पूजा खास तौर पर कायस्त या बयपारी वर्गों में मनाया जाता है ।
इन वर्गों के लिए लिए चित्रगुप्त पूजा दिन से ही नववर्ष का आगाज माना जाता है इस दिन बयपारी नै लेखनी और नए बहीखातों का उपयोग कर उनका श्री गणेश करते हैं । चित्रगुप्त पूजा कल यानी ५ नवम्बर से मनाया जा रहा है अलग अलग जगहों पर अलग अलग तारीख में यह पूजा मनाई जाती है आज भी कई जगह चित्रगुप्त पूजा मनाई जा रही है आज इस पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 1:15 मिनट से शाम को 3:25 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा.इस पूजा को करने की विधि कुछ इस प्रकार है,
एक चौकी पर चित्रगुप्त महाराज की तस्वीर स्थापित करें, इसके बाद अक्षत्, फूल, मिठाई, फल आदि चढ़ाए. एक नई कलम या कोई लेखनी जिसका आप उपयोग करते हो, उनको अर्पित करें तथा उसकी पूजा करें. अब सफेद कागज पर श्री गणेशाय नम: और 11 बार ओम चित्रगुप्ताय नमः लिख कर चित्रगुप्त जी से विद्या, बुद्धि तथा लेखन का अशीर्वाद लें.चित्रगुप्त की पूजा करने से साहस, शौर्य, बल और ज्ञान की प्राप्ति होती है. बहरहाल भगवान् चित्रगुप्त आप पे और आपके अपनों पे अपना आशीर्वाद बनाये रखे .फिलहाल टीडी न्यूज़ के तरफ से छत्रगुप्त पूजा की हार्दिक बधाई