टोकियो ओलिंपिक में भारत ने अपना पहला मैडल जीता है । अठेलते मीरा बाई चानू ने रजत पदक जित कर इतिहास रच दिया है । उन्होने 49 किलोग्राम भारत्तोलन में रजत पदक जित लिया है । उनके जित ने भारत के 21 साल के इंतजार ख़त्म कर दिया है । दरअसल ओलम्पिक (olympic) में पिछले 21 साल से भारोत्तोलन स्पर्धा में भारत के हाथ कोई पदक नहीं लगा था जिसे मीरा बाई चानू ने रजत पदक के साथ ख़त्म कर दिया है ।


202 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक अपने नाम किया।
मीरा बाई चानू ने क्लीन एवं जर्क में 115 किग्रा और स्नैच में 87 किग्रा से कुल 202 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक अपने नाम किया। नंबर एक पर रही चीन की होऊ झिऊई ने कुल 210 किग्रा (स्नैच में 94 किग्रा, क्लीन एवं जर्क में 116 किग्रा) से स्वर्ण पदक अपने नाम किया। वही इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांटिका ने कुल 194 किग्रा का वजन उठाकर कांस्य पदक हासिल किया।
कामनवेल्थ में भारत को दिलाया था स्वर्ण पदक


मीरा बाई चानू ने 2018 के कामनवेल्थ गेम में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था उसके एक साल पहले यानी 2017 में चानू वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप के 48 किलोग्राम भर में की चैंपियन बनी थीं। जबकि 2016 के रियो ओलिंपिक में इनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा था । चानू 2020 के ओलिंपिक में अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को टोकियो ओलिंपिक का पहला मैडल दिला दिया है ।
अमेरिका जा के अभ्यास करना रहा सफल
कंधे की चोट से परेशां मीरा बाई चानू 1 मई को स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग की ट्रेनिंग करने के लिए अमेरिका चली गई थी अमेरिका जा के उन्होंने अपने अंधे का इलाज भी कराया और वही कोंच डॉ आरोन हार्सचिंग के साथ ओलिंपिक के लिए अभ्यास किया । चानू के जिद्द और मेहनत की सफलता रंग लाइ और भारत को ओलम्पिक 2020 का पहला पदक नशीब हो गया ।