आपने अक्सर ये कहावत सुना होगा घर का वेदी लंका ढाये। आजकल जदयू नेता आरसीपी सिंह के साथ कुछ ऐसा ही हो रहा है। आरसीपी सिंह अपने ही लोगों ने उनकी पोल खोलनी सुरु कर दी है। दरअसल जेडीयू ने अपने ही कद्दावर नेता और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह पर करप्शन का बडा आरोप लगा दिया है। जेडीयू ने उनपे आरोप लगाते हुए एक नोटिस भेज कर जवाब माँगा है जिसमे लिखा है। आरसीपी सिंह जी, आपके परिवार ने नाम पिछले 9 साल में 58 प्लॉट की रजिस्ट्री हुई. यानि कुल 40 बीघा की जमीन की खरीद हुई. इसमें भ्रष्टाचार साफ साफ झलक रहा है. आप बताइयें, इतनी संपत्ति कहां से अर्जित की। गौरतलब है की कभी जदयू के दाहिना हाथ कहे जाने वाले इतने बड़े नेता पर भ्रष्टाचार के आरोप पर सियासत तो गर्म होनी ही है वो भी तब जब अपनी ही पार्टी ये इल्जाम लगाए।


इधर पार्टी की छवि बचाने और बिच बचाव में उतरे प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने भी अपना ब्यान देते हुए कहा की यह पार्टी के अंदर का मामला है। उन्होंने कहा की हम किसी भी सदस्य पर आरोप लगने के बाद जब तक उसका आरोप सिद्ध न हो जाए वो आरोपी नहीं होता और वह सम्माननीय होते है। हालाँकि पात्र लिख कर जवाब भी उपेंद्र कुशवाहा ने ही माँगा है
हालाँकि पार्टी के सूत्रों की माने तो ज्यादातर जमीन आरसीपी सिंह की पत्नी गिरजा सिंह और दोनों पुत्रियों लिपि सिंह और लता सिंह के नाम पर खरीदी गई हैं। इसके अल;आठवे एक आरोप यह भी लग रहा है की आरसीपी सिंह ने 2016 के अपने चुनावी हलफनामे में इसका जिक्र नहीं किया है. आरोप है कि 9 साल में 58 प्लॉट आरसीपी सिंह के परिवार ने खरीदा है, नालंदा जिले के दो प्रखंड अस्थमा और इस्लामपुर में 2013 से अब तक 40 बीघा जमीन खरीदने का आरोप है।
अब देखना यह होगा की इस मामले में आरसीपी सिंह अपना बचाव कैसे करते हैं। अब जब उनपे भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं तो यह बात निश्चित तौर पर पार्टी के अंदर की बात नहीं रह गई है।