आज के इस फास्ट दुनिया मे ईमेल इंसान के जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है । कॉर्पोरेट दुनिया हो या शिक्षा कि दुनिया या एक देश से दूसरे देश के बीच बात चित करने का एक जरिया हो , ईमेल हर जगह अपना एक महत्वपूर्ण योगदान देता है । ईमेल ने समाज के आभासी (virtual) चेहरे को बदल के रख दिया है । तो आइए जानते हैं इस ईमेल का इतिहास ।


ईमेल के पिता यानि इसके खोजकर्ता ” रे टोमिलसोन ” को कहा जाता है । उनका पूरा नाम Raymond Samuel Tomlinson था । रे अमेरिका के एक कंप्युटर प्रोग्रैमर थे जिन्होंने सन 1971 में पहली बार ‘अरपानेट प्रणाली’ पर दो कंप्यूटरों के मध्य संदेश भेजा था। यह ARPANET के जरिए इससे जुड़े विभिन्न उपकरणों पर उपयोगकर्ताओं के बीच मेल भेजने में सक्षम पहली प्रणाली थी। हालांकि ऐसा नहीं है की इसके पहले मेल पधत्ती नहीं थी परंतु पहले, मेल केवल उसी कंप्यूटर का उपयोग करने वाले अन्य लोगों को भेजा जा सकता था। इसे प्राप्त करने के लिए, उन्होंने उपयोगकर्ता नाम को उनकी मशीन के नाम से अलग करने के लिए @ चिन्ह का उपयोग किया, एक योजना जिसका उपयोग तब से ईमेल पतों में किया जाता रहा है।


आज ईमेल को अगर हम अपने जीवन से निकाल दें तो हमारे कई काम रुक जाएंगे । आज के दिन यानि 23 अप्रैल को रे टोमिलसोन को सलूट करते हुए दुनिया मे ईमेल दिवस के रूप मे जाना जाता है ।