राजस्थान पुलिस का नया अवतार: पुलिस का अक्सर नकारात्मक चेहरा ही सामने आता है। लेकिन राजस्थान के बारां (Baran) जिले की पुलिस ने अपना नया मानवीय चेहरा दिखाकर सबका दिल जीत लिया है। यहां के सारथल थाने की दो महिला कांस्टेबलों ने भूख प्यास से तड़पती ढाई माह की एक आदिवासी मासूम बच्ची को अपना दूध पिलाकर न केवल उसकी जान बचाई है बल्कि मानवीयता (Humanity) की नई मिसाल कायम की है।


बारां. राजस्थान के कोटा संभाग के बारां (Baran) जिले में पुलिस का नया मानवीय अवतार देखने को मिला है। यहां के सारथल पुलिस थाने इलाके में ढाई माह की मासूम आदिवासी बच्ची को भीषण गर्मी में भूख प्यास से तड़पती देख थानाधिकारी से लेकर हर एक जवान चिंतित हो उठा। बच्ची की हालत को देखकर थाने की दो महिला कांस्टेबलों ने उसे अपना दूध पिलाकर मानवीयता (Humanity) की नई इबारत लिखी है। यह बच्ची नशे में धुत्त उसके पिता के पास जंगल में मिली थी। बच्ची को अब उसकी मां को सौंप दिया गया है। बच्ची की जान बचाने वाली महिला कांस्टेबलों के बारे में जिस किसी ने भी सुना वह उनकी प्रशंसा किये बिना नहीं रह सका।
दोनों महिला कांस्टेबल ने पिलाया बच्ची को अपना दूध
नशे में धुत व्यक्ति को बच्ची सहित थाना लाया गया। वहां बच्ची की नाजुक हालत देखते हुये महिला कांस्टेबल मुकलेश और पूजा ने उसे बारी-बारी से अपने आंचल में छिपाकर दूध पिलाकर उसकी भूख मिटाई, मुकलेश और पूजा के भी छोटे-छोटे बच्चे हैं। नशेड़ी व्यक्ति से पूछताछ में सामने आया कि वह उस बच्ची का पिता है। उसका नाम राधेश्याम काथोड़ी है। वह छीपाबड़ौद थाना इलाके के सालापूरा का रहने वाला है।