कोरोना से हुए मौतों के आंकड़ों को लेकर बिहार में सियासी घमासान तो पहले ही चल रहा था। लेकिन अब सरकार ने खुद अपनी गलती मान लि है।कहा जा रहा था की बिहार में कोरोना से हुई मौतों का सही डाटा नहीं पेश किया जा रहा है। जिसपर पक्ष बिपक्ष के हमले लागातार चल रहें थे। परन्तु अब खुद सरकार ने भी यह मान लिया है की मौतों का गलत आकड़ा पेस किया गया है। बीते रोज स्वास्थ बिभाग के मुख्य सचिव, प्रत्यय अमृत ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बताया की मौतों की गणना में स्वास्थ्य बिभाग से गलती हुई है। उन्होंने कहा की राज्य में कोरोना से अब तक कुल मौतों की संख्या 5424 दिखाई जा रही थी जबकि कोरोना से मौतों की संख्या 9375 है।


दरअसल पटना हाई कोर्ट के आदेश पर 18 मई को राज्य सरकार ने कोरोना से हुई मौतों के गिनती में हुई गरबरी के जांच के लिए दो जांच टीमों का गठन किया था। जब जाँच टीम ने बिहार में मौतों का जायजा लिया तो कई बातें सामने आई। कई जिलों में ऐसी लापरवाही बरती गई है। कोरोना से हुए मौत के संख्या को रजिस्टर में मेन्टेन ही नहीं किया गया है और ना ही किसी तरह का कागजी कार्यवाही हुई है । कई अस्पतालों में तो मृतकों के एक दो फ़ाइल ही गायब मिले हैं।
मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने इस घटना को अति असंवेदसिल बताते हुए कहा की उन लोगों पर करवाई की जायेगी जो लोग इस तरह की लापरवाही किये हैं। पर किन लोगों पर करवाई की जायेगी इसकी जानकारी उन्होंने नहीं दी।
अमृत से मामले का कारण पूछने पर उन्होंने लोगों के अस्पताल तक ना पहुंच पाने का हवाला देते हुए कहा की कई कोरोना संक्रमित मरीज किसी अन्य राज्य में चले गए जहाँ उनकी मौत हो गई, कइयों ने अस्पताल आने से पहले ही दम तोड़ दिया तो कई लोगों की जान होम आइसोलेशन में ही चली गई जिसके कारण इन आकड़ों में गड़बरी हो गई। पर इस तर्क से वो बचते हुए दिखाई नहीं दे रहें अगर ऐसा है भी तो सवाल यह है की होम आइसोलेशन में रह रहें लोगों का डाटा क्यों नहीं रखा गया जबकि नितीश सरकार ने पहले ही होम आइसोलेशन वालों के लिए सरकार के तरफ से हर सुविधा मुहैया कराने की बात क़ही थी।


दूसरी लहर में जब कोरोना अपने पिक पर था और मौतों की संख्या लागातार बढ़ रही थी तब विपक्ष लागातार सरकार पर आकड़ा छिपाने का आरोप डाल रहा था जिसपर हाई कोर्ट ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार को मामले की जांच करने का आदेश दिया था। मौतों के आंकड़ों में लगभग 4000 का अंतर आना एक बार फिर बिहार सरकार के स्वास्थ्य ब्यावस्थाओं पर से काला पर्दा उठाते दिख रहा है।