कुन्नूर हेलीकॉप्टर हादसे में देश ने पहले CDS और सेना के प्रमुख जनरल बिपिन रावत के साथ अपने ११ शहीदों को खो दिया है । कल सभी पार्थिव शरीरों को पालम एयरपोर्ट पर लाया गया । पालम एयरपोर्ट पर जब एक एक कर सभी पार्थिव शरीरों को लाया गया तो देश ने अपने वीर सपूतों को खोने का गम महशूस किया । उनकी कुर्बानी ने पुरे देश की आँखे नम कर दिया । जिस विमान में देश के पहले CDS जनरल विपिन रावत का पार्थिव शरीर लाया गया, उसी विमान में उनकी पत्नी मधुलिका का शव भी था। प्रधान मंत्री मोदी के साथ रक्षा मंत्री राज नाथ सिंह और राष्ट्रीय रक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने एयरपोर्ट पहुँच कर सभी पार्थिव शरीरों को पुष्प चक्र अर्पित किया साथ ही बिपिन रावत के परिवार को साहस दिया ।
एयरपोर्ट पर मौजूद बिपिन रावत की बेटियों के आँशु ने वहाँ मौजूद हर शख्स को रुला दिया । यह कैसी विडम्बना है की जिन वीर जवानो की वजह से हमारे देश की पहचान है आज इस हादसे में उनके ही पार्थिव शरीर को पहचान पाना आशम्भव है । अधिकारियों के मुताबिक अभी जनरल रावत, मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर और विवेक कुमार के पार्थिव शरीरों की पहचान हुई है। सेना ने बाकी वीर जवानो की पहचान करने के लिए उनके परिवार या माता पिता के डीएनए सैंपल को जांच के लिए ले गई है । देश ने बिपिन रावत और सेना के जवानो के होने के साथ ही अपने मजबूत हिस्से का एक भाग खो दिया है जिसे शायद कभी भरा भी नहीं जा सकता । के तय समय अनुसार आज बिपिन रावत को सुबह ११ बजे से लेकर १२ बजकर ३० मिनट तक आम लोग भी श्रद्धांजलि दे सकेंगे उसके बाद दोपहर 12:30 से 01:30 बजे तक सैन्य अधिकारी श्रद्धांजलि देंगे और अंत में २ बजे उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए दिल्ली कैंट बराक चौक लाया जाएगा । उधर बाकि वीर सपूतों के पार्थिव शरीर के इंतजार उनके परिजनों के लिए असहनीय बनते जा रहा है । शहीद होने वाले जवान देश के बिभिन्न इलाको से ताल्लुक रखते थे । देश का ऐसा कोई कोना नहीं है जहां कुन्नूर हेलीकॉप्टर हादसे की लपटे न पहुंची हो । देश अपने इन वीर जवानो की शहादत कभी नहीं भूलेगा ।।