2019 का मंजर एक बार फिर दोहराने को तैयार ,गंगा के बढ़ते जलस्तर ने बढ़ाया पटना में बाढ़ का खतरा

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पटना का 2019 का मंजर शायद ही कोई पटनावासी भुला होगा । जब पटना एक तैरता हुआ शहर बना हुआ था । सर्कार और प्रशाशन के लापरवाही और उपेक्षा का यहाँ रह रहें लोगो को भारी कीमत चुकानी पड़ी थी । बिहार की राजधानी कही जाने वाली पटना नितीश सरकार और उनके अनुआइयों के संरक्षण में बाढ़ में तैरता हुआ दिखा था । नमस्कार मैं हूँ …

बिहार की राजधानी पटना में गंगा का स्तर एक बार फिर लगातार बढ़ता जा रहा है ऐसे में पटनावासियों के सर पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है । बिहार के बक्सर, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार जिले के साथ ही राजधानी पटना में भी गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर जा चुका है जिससे इन शहरो पर भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है । फिलहाल बिहार का लगभग १७ प्रतिशत क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित है जहाँ बाढ़ के वजह से लोगों की दैनिक जीवन काफी प्रभावित हुई है ।

पानी का स्तर इतना बढ़ा है की लोग मकान के दूसरे फ्लोर या छतों पर जा के वास कर रहें हैं । पटना में गंगा नदी का जलस्तर पिछले 4 दिनों में तेजी से बढ़ा है जिससे शहर पर बाढ़ का खतरा गहराने लगा है. बक्सर में गंगा नदी खतरे के निशान से 31 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है वही पटना के दीघा इलाके में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 41 सेंटीमीटर ऊपर था. पटना के गांधी घाट पर गंगा नदी खतरे के निशान से 98 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है जबकि हाथीदह में पानी खतरे के निशान से 88 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है.। ऐसे में बाकी जिलों के साथ साथ राजधानी पटना में भी बाढ़ की स्थिति बनती जा रही है । हालाँकि नितीश सरकार का कहना है की 2019 के मुक़ाबले इस बार ड्रेनज सिस्टम की ब्यवस्था में सुधार आई है और इस बार वैसी स्थितिनहि होगी । अब सरकार के इस दावे में कितनी सच्चाई है वो तो आने वाले वक़्त में पता चलेगा तब तक के लिए देखते रहिये टीडी न्यूज़ ।