Ep20| Td Corruption| बिहार में धड़ल्ले से चल रहा जाली नोट का धंधा, बक्सर सहित सिवान में भी हुआ खुलासा

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आज हम आप को बता रहें हैं की जाली नोट की फैक्‍ट्री बनता जा रहा हैं बिहार, जी हाँ बक्‍सर और सिवान में यूपी पुलिस की दो बड़ी कार्रवाइयों से उठे है सवाल.
दरअसल नोट बंदी के बाद माना जा रहा था कि जाली नोट के धंधे पर नकेल लग जाएगी। कुछ दिन सही रहा, लेकिन धंधेबाज दो हजार के नोट के साथ पांच सौ, दो सौ, सौ से लेकर 50 रुपये का भी जाली नोट खपाने में जुट गए। शुक्रवार को सिवान में जाली नोट तैयार करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। पकड़े गए धंधेबाजों का यूपी से कनेक्शन जुड़ा है। इसके पूर्व बक्सर के तीन युवकों को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर ले गई थी। तीनों बिहार में नकली नोट प्रिंट कर यूपी में बदलने का धंधा करते थे।..आपको बता दें कि चार साल पहले आजमगढ़ के नकली नोट तस्कर अखरूज्जमा को दिल्ली और पटना पुलिस ने मिलकर राजीव नगर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। उससे नकली नोट की खेप मिली थी। खांजेकला में भी घर में नकली नोट छापकर दूसरे राज्यों में खपाने वाले गिरोह के तीन धंधेबाजों को पुलिस दबोचा था। यूपी और बिहार के जिलों में ठिकाना बनाकर नकली नोट तैयार करने वाले गिरोह के एजेंट या गुर्गों को तो पुलिस पकड़ लेती है, लेकिन मास्टरमाइंड कौन है? कहां से पूरे गिरोह का नेटवर्क चला रहा है? इस पर दोनों राज्यों की पुलिस जांच में ही उलझी रह जाती है।
अगस्त 2018 में पटना जंक्शन से सटे दूध मंडी के पास चार लाख रुपये के नकली नोट के साथ गया निवासी एक युवक को गिरफ्तार किया गया था। सभी नोट दो-दो हजार के थे। पूछताछ में पता चला कि पूर्व में आरोपित नक्सलियों के लिए भी काम करता था। बावजूद पुलिस गिरोह के सरगना का ठिकाना पता नहीं कर सकी और मामला फाइलों में दब गया। पिछले साल अक्टूबर में खाजेकलां थाना क्षेत्र में 20, 50, 100 और दो सौ के 96 नोट बरामद हुए थे। पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया  था। पूछताछ में पता चला कि इसके पीछे मास्टरमाइंड कोई और है, छापेमारी के कुछ देर पहले उसने ठिकाना बदल दिया। 20 मई को पाटलिपुत्र थाने की पुलिस 50 रुपये के नौ नकली नोट के साथ शबदा खान को गिरफ्तार कर जेल भेजा। पुलिस ने उसके घर से कुछ नकली नोट बरामद किए..राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो 2019 के आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल बिहार में कुल 2243 जाली नोट पकड़े गए, जिसकी कीमत आठ लाख 43 हजार 500 रुपया था। बिहार में तब 17 जगहों पर केस दर्ज हुआ और 14 आरोपितों की गिरफ्तारी हुई। इसमें दो हजार के 230 नोट, पांच सौ के 283, दो सौ के 318 नोट, सौ रुपये के 88 नोट, 50 रुपये के 416 नोट मिले थे। सबसे अधिक 50 रुपये और 500 रुपये के नकली नोट बरामद किए गए थे।अब देखना यह हैं कि आखिर इस जाली नोट के गोरखधंधा में संलिप्त आरोपितों पर क्या कानूनी कार्यवाई होती हैं।