बिहार का कुख्यात रूपम दिल्ली में गिरफ्तार,कई संगीन मामले का पूरा मामला

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बिहार के मोतिहारी व गोपालगंज में हत्या व रंगदारी वसूलने के दो मामले में वांछित कुख्यात बदमाश रूपम सिंह को बिहार पुलिस व अपराध शाखा ने संयुक्त कार्रवाई कर गिरफ्तार कर लिया। दोनों राज्यों की पुलिस की बेहतर समन्वय के कारण इसे दिल्ली से दबाेचा जा सका। अपराध शाखा ने रूपम सिंह को बिहार पुलिस को सौंप दिया। अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार के मुताबिक रूपम सिंह मोतिहारी, पूर्वी चंपारण, बिहार का रहने वाला है। इसके खिलाफ मोतिहारी में रंगदारी मांगने व हत्या के सात अपराधिक मामले दर्ज हैं। इसने 2017 में बीए पार्ट वन में दाखिला लिया था लेकिन बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी और कालेज के साथी सुमन झा के साथ अपराध की दुनियां में कूद पड़ा।

सुमन झा का मोतिहारी व गोपालगंज के इलाके में रंगदारी वसूलने का धंधा है। उसके खिलाफ बिहार में हत्या व रंगदारी मांगने के 22 मामले दर्ज हैं। बिहार पुलिस ने उसपर 50 हजार का ईनाम रखा है। रूपम ने 2019 में अवधेश गुप्ता के साथ मिलकर मोतिहारी में शंभू राय व सियाराम कुशवाहा की हत्या कर दी थी।


इसके बाद उसने मई 2019 में अपने गांव में भी एक रिश्तेदार की हत्या करने की कोशिश की थी। अगस्त 2019 में पुलिस ने रूपम को अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया था। 2020 में जेल से बाहर आने के बाद उसने गोलू उर्फ साहिल सिंह, सुभम, सूरज मेहता व अभिषेक के साथ 31 दिसंबर 2020 को ठेकेदार रंजीत सिंह की रंगदारी न देने पर मोतिहारी में हत्या कर दी थी।
इसके बाद उसने जितेंद्र व चंदन सिंघानिया के साथ मिलकर पवन गुप्ता की रंगदारी न देने पर हत्या कर दी थी। उसके बाद रूपम ने इस साल 12 जुलाई को व्यापारी मंजू जायसवाल से 2 लाख की रंगदारी मांगी थी। कई वारदात को अंजाम देने पर बिहार पुलिस जब उसके पीछे पड़ी तब बिहार छोड़कर वह छिपने के लिए दिल्ली आ गया था। यहां उसने तिमारपुर के गोपालपुर इलाके में रेंट पर घर लेकर स्कूल समय के पुराने दोस्त सत्यप्रकाश के साथ रहना शुरू किया। वह स्नातक प्रवेश परीक्षा की तैयारी करता है। 8 अगस्त को रूपम ने वाटस एप काल कर बालाजी फर्नीचर के मालिक अनूप सोधी से 10 लाख रंगदारी मांगी थी। 9 अगस्त को पुलिस को सूचना मिली कि रूपम सिंह गोपालपुर, वजीराबाद में छिपा हुआ है। बिहार पुलिस के साथ मिलकर क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे दबोच लिया।