नाबालिक से सामूहिक दुष्कर्म, अपराधी दे रहें धमकी

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हमारे समाज में अक्सर कुछ ऐसे हैवान रहते हैं जिनके वजह से इंसानियत अक्सर शर्मशार होती रहती है । और दुःख तो तब होता है जब प्रशासन उन अपराधों को नजरअंदाज करने लग जाती है।
जी हाँ सारण जिला अन्तर्गत इंसानियत को शर्मसार करने वाली ऐसी ही एक घटना सामने आई है। लगभग एक सप्ताह पहले सारण जिला अन्तर्गत दरियापुर थाना क्षेत्र के दरीहारा सरनारायण गांव की एक नाबालिक छात्रा से दुष्कर्म क़ा मामला सामने आया है। यह घटना 5दिसम्बर का है । मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि यह घटना पांच दिसंबर के 9बजे रात्रि की है जब पीड़ित छात्रा अपनी चाची के साथ सो रही थी तभी पांच आपराधियों ने जबरन बच्ची को उठा कर समीप के दियारा क्षेत्र में मुहँ बांध कर ले गये और वहां पांचों अपराधी ने सामूहिक दुष्कर्म किया। रात को करीब दस बजे पीड़िता की मां की जब नींद खुली और जब वह अपनी बेटी को घर में न पाकर घबरा गई तब उसके बाद खोज बिन सुरु किया तभी एक अपराधी मुह ढके घर मे आया और बोला कि तुम्हारी बच्ची दियरा में है जाकर देख लो कह कर फरार हो गया । मां ने आवाज दे कर लोगों से उसे पकड़ने को कहा तब तक वह भाग चूका था । उस अज्ञात आदमी के बताये अनुसार जब वे बच्ची को ढूंढते हुए गए तो बच्ची वहां अचेत अवस्था में पड़ी हुई मिली । सुबह होने के बाद परिजनों ने पास के थाने में रिपोर्ट करवाई और एफआईआर लिखवाया । मगर पुलिस प्रशासन के तरफ से किसी भी प्रकार की मदद नहीं की गई ।


पुलिस की गतिविधि को तेज करने हेतु पीड़िता के गांव के स्थानीय लोगों ने जब थाना पर पहुंच मदद की अपील की तब जाकर पुलिस ने पीड़िता के माता समेत पीड़िता क़ा 164 क़ा बयान दर्ज कराया गया… मगर पीड़िता के परिवार वालों का कहना है की पुलिस इस मामले पर लीपापोती कर रही है । पुलिस के इस रवैये पर स्थायनीय लोगों में प्रशाशन के खिलाफ रोष है । इधर इस घटना को अंजाम देने वाले व्यक्ति लगातार बच्ची के परिवार को धमकी दे रहे हैं और बर्बाद कर देने की बात कह रहे हैं। अब सवाल यह उठता है की पुलिस और प्रशाशन क्या इतनी कमजोड़ हो चुकी है की रेप जैसे मामलों में भी कोई एक्शन लेने के काबिल नहीं है । एक १२ साल की बच्ची के रेप करने के बाद एक सख्स बेख़ौफ़ आकर उसके घर में उसकी माँ से कहता है की तुम्हारी बेटी यहाँ है , यह बात निश्चित ही पुलिस की कमजोरी बयान करती है । क्या पुलिस इतनी ही खामोश रहती जब वह बच्ची फुश के घर में न रह के महलों में रहने वाली होती ? क्या पुलिस ऐसे ही बदमाशों के अपराध को छिपाने की कोशिश करती जब वह बच्ची एक आम माता पिता की न हो कर किसी रॉयल या सेलिब्रिटी और किसी पॉलिटिशियन की बच्ची होती तो शायद यह रेप कांड अबतक आंदोलन क़ा विषय बन चुका होता ..लेकिन यह लड़की एक ग़रीब मजदूर की बेटी है ..इसके मदद में प्रशासन को खड़ा होना हीं पड़ेगा और आरोपियों को धर पकड़ कर उचित कार्यवाई करनी होगी..ताकि पीड़िता के साथ इंसाफ हो सके…नहीं तो अगर ऐसा होता रहा तो आम लोगों क़ा कानून पर से विश्वास उठ जाएगा… दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में जाने जाने वाला भारत क्यों अपने एक आम नागरिक को समय पर और बिना किसी परेशानी के उसे न्याय नहीं दिला पाता । क्यों एक माँ को पुलिस के सामने न्याय के लिए रोना पड़ता है जबकि न्याय दिलाना उसका कर्तब्य है । ऐसे कई सारे सवाल हैं जो पुलिस और प्रशाशन और यहाँ के जन नेताओं पर तमाचे जड़ता है । मगर अफ़सोस जवाब कभी नहीं मिलता है । सच तो यह है की लोकतंत्र के नाम पर भारत अंदर से खोखले कानून व्यवस्था ही दिखा सकता है ।
फिलहाल आज के crime in camera में इतना हीं