कोरोना से लड़ने में बिहार सरकार हो रही नाकाम।पटना हाई कोर्ट ने लगाई नितीश कुमार को फटकार।

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आज  पूरा बिहार कोरोना के बेरहम मार को झेल रहा है। लोग त्राहिमाम त्राहिमाम कर  रहे  हैँ। लोगों में अपनों के खोने  का दर्द और डर  साफ साफ दिख रहा है। ऐसे में लोग दो ही लोगों से उम्मीद रख  सकते  हैँ । पहला  सरकार  और दूसरे भगवान, परन्तु सरकार  के लचर ब्यवस्थाओं को देख के लगता है शायद लोगों के पास अब ऊपरवाले की ही उम्मीद रह गई है। सरकार पर से लोगों का भरोसा शायद पहले ही उठ  चूका  है।

बिहार  में मौतों  का सिलसिला इस कदर  जारी  है  मानो  सरकार  को इन मौतों  से कोई फर्क ही नहीं परता । केवल  कागज  पर  मदद  दे के सरकार अपनी काबिलियत का प्रदर्शन  कर  रही  है ।

बिहार में पिछले  24 घंटे  में 82 लोगों की जान  गई  है जिसमे अकेले nmch से 38 मौत की खबर आ रही है । ऐसे में कोरोना मरीजों में डर  का माहौल उत्पन्न होना स्वाभाविक है । पिछले  कुछ  दिनों में ऐसे  भी कुछ  खबर  आएं  हैँ की कोरोना मरीज कोरोना से नहीं बल्कि डर के हार्ट अटैक से मर  जा रहें  हैँ। उनका डर से हार्ट अटैक  आना  यह बताती  हैँ की बिहार सरकार किस स्तर पर स्वास्थ सेवाएं  प्रदान कर रही हैँ।

बिहार में कोरोना के बढ़ते  मामले और मौत  को ले कर  कल पटना हाई कोर्ट ने नितीश  सरकार  को खरी खोटी सुनाई हैँ। और कोरोना पे सरकार के प्लान को ले के सभी ब्योरे की मांग की हैँ। साथ ही साथ कहा हैँ की सरकार सम्पूर्ण लॉकडाउन पे क्या बिचार कर रही हैँ इसकी जानकारी दो दिन के अंदर अंदर दे। बता  दे की पिछले  सप्ताह पटना हाई कोर्ट ने नितीश सरकार से सम्पूर्ण लॉकडाउन पर उनके बिचार की मांग की थी परन्तु  नितीश  सरकार के कोई जवाब ना देने के बाद कोर्ट ने कल करवाई करते हुए कहा की जल्द से जल्द जवाब  दिया जाए।

बिहार सरकार के स्वास्थ व्यवस्थाओं के नाकामी का सबूत  बिहार  के अस्पतालों में तड़प रहे लोगों को देखने  से मिल जा रही हैँ। अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड ना होने के कारण  कई मजदूर  अस्पताल के फर्श पर ही लेटे हुए दिखाई पर रहे हैँ। हालांकि कागजो  पे बहुत  सारे  बेड, ऑक्सीजन सिलिंडर , रेमदेशिविर दवाइयाँ  वक़्त पे मिल चुकी हैँ पर  जब  अस्पातलों में जाके पूछताछ  करने पे हर दूसरा मरीज  कह रहा हैँ की किसी भी चीज की व्यवस्था नहीं मिल रही। इस बात ka सच होने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता हैँ की पटना के सबसे बड़े कोविद अस्पताल एनमःसिच  में कल 38 लोगों ने अपनी जान गवां दी।

बिहार में भी  एक मई से 18 साल के ऊपर वाले लोगों को टिके लगने थे परन्तु वैक्सीन के कमी के कारण बिहार के गिने चुने अस्पतालों में ही 18 साल se ऊपर के लोगों को वैक्सीन लग  रही है। ऐसे  में सरकार  को जल्द से सभी  लोगों तक वैक्सीन पहुचानी होंगी क्यूंकि कोरोना के इस लड़ाई में वैक्सीन ही मजबूत  ढाल  हैँ।

सरकार  के इस नाकामी का प्रतिफल मरीजों को भुगतना  पर रहा हैँ। यह स्तिथि और बदतर ना हो इसके लिए सरकार को जल्द ही कोई ठोस  कदम  उठाना होगा।