दुनिया का हर नौजवान देश की रक्षा के लिए सेना में शामिल होने का सपना देखता है.

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जैसे की आप जानते है इसके लिए कड़ी ट्रेनिंग से गुजरने से भी नहीं हिचकता. लेकिन आखिर ऐसी क्या बात है कि सेना खुद समतल पैरों वाले लोगों को भर्ती में छांट देती है?

दरअसल सेना में भर्ती होने का ख्वाब हर देशप्रेम नौजवान रखता है. सेना के जरिये देश की हिफाजत में पार्टिसिपेट करने का सपना देखने वाले नौजवान हर इम्तेहान को पार करने के लिए तैयार रहते हैं. लेकिन कई बार कुछ ऐसा हो जाता है, जिससे इन नौजवानों का सपना टूट जाता है. अगर ये सपना किसी बीमारी या हादसे से टूटे तो एक बार के लिए मन को तसल्ली दी जा सकती है. लेकिन कुछ ऐसे मामले हैं, जिसमें इंसान के हाथ में कुछ भी नहीं होता.

आप को बता दे की सेना में समतल पैरों वाले लोगों की एंट्री को रोक दिया जाता है. उन्हें ट्रेनिंग तक पार करने देने की इजाजत नहीं मिलती. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों? इसके पीछे एक बेहद खास कारण है. इस कारण के सामने इंसान के सपने चूर हो जाते हैं. तकलीफ इसलिए ज्यादा होती है कि इसमें इंसान का वश नहीं चलता. वो बिना किसी वजह के ही अपने सपनों से हाथ धो बैठता है. आज हम आपको उस कारण के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी वजह से समतल पैरों वालों को सेना में भर्ती नहीं किया जाता.

पैर दो तरह के होते हैं. एक होता है नॉर्मल फुट. इसमें पैर के तलवे के साथ घुमाव होता है. दूसरा होता है फ्लैट फुट. इसमें तलवे से घुमाव की जगह वो पूरी तरह समतल होता है. ऐसा होने की वजह से पैर ज्यादा भार सहने में असमर्थ हो जाता है. नॉर्मल फुट में पैरों के उठे हुए तलवे स्प्रिंग की तरह काम करते हैं. ऐसे में इंसान ज्यादा तेज दौड़ सकता है और लंबे समय तक अपने पैर पर भार दे सकता है. लेकिन फ्लैट फुट वालों को इसमें काफी दिक्कत होती है.