राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को आखिर क्यों सामाजिक न्याय का पुरोधा कहा जाता है, इसकी मिसाल देखने को मिली जब उन्होंने दलित समाज से आने वाली सामान्य-सी महिला को विधान परिषद का उम्मीदवार बना दिया. इस दलित महिला का नाम मुन्नी रजक है जो कि नालंदा के बख्तियारपुर की रहने वाली हैं. मुन्नी रजक पटना में कपड़े धोने का काम करती हैं.
आपको बता दें कि आश्चर्य की बात यह है कि इस जमाने में मुन्नी देवी के पास खुद का मोबाइल फोन भी नहीं है. MLC उम्मीदवार बताती हैं कि जब उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास से खबर आई और उन्हें घर के अंदर बुलाया गया, तो वह काफी डर गई थीं. मुन्नी देवी बताती हैं कि उनके डर की वजह दरअसल ये थी कि उन्हें लग रहा था कि उन्होंने कोई गलत काम किया है, जिसके कारण उन्हें डांटने के लिए राबडियावास के अंदर बुलाया जा रहा है, मगर ऐसा नहीं था. मुन्नी देवी जैसे ही राबड़ी आवास के अंदर गईं, तो उनके साथ वह हुआ जो उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था.
दरअसल, घर के अंदर पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद, राबड़ी देवी खुद, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई और विधायक तेज प्रताप यादव मौजूद थे. उन्होंने मुन्नी देवी से कहा कि आरजेडी के तरफ से वह एमएलसी की उम्मीदवार घोषित की गई हैं.
राबड़ी आवास में मुन्नी देवी.
मुन्नी देवी ने एमएलसी उम्मीदवार का टिकट पाने के बाद मीडिया से कहा, “लालू परिवार के सभी सदस्यों को धन्यवाद. जब मुझे राबड़ी देवी के आवास बुलाया गया था, तो मैं डर गई थी और मुझे टांगकर सब लोग वहां ले गए, मगर सभी ने एक गरीब कपड़े धोने वाली को बहुत बड़ा गिफ्ट दिया है.”
आपको बता दें कि मुन्नी देवी आरजेडी की एक सामान्य-सी कार्यकर्ता हैं. एमएलसी की उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद उनका एक पुराना वीडियो भी काफी वायरल हो रहा है. जब मुन्नी देवी बीते दिनों राबड़ी देवी के आवास पर सीबीआई और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रही थीं. पता हो कि आरजेडी नेता के घर सीबीआई ने पिछले दिनों छापेमारी की थी.
तेजप्रताप ने मुन्नी देवी को भगवद गीता भेंट की.
बता दें कि 20 जून को बिहार विधान परिषद की 7 सीटों पर चुनाव होना है, जिसमें से 3 सीट आरजेडी का जीतना लगभग तय है. आरजेडी ने युवा आरजेडी अध्यक्ष कारी शोएब और रोहतास से युवा नेता अशोक कुमार पांडे को भी एमएलसी उम्मीदवार बनाया है.