हार्ट मरीजों को अब मेटल सर्जरी से मिलेगा छुटकारा, पटना के एशियन सिटी हॉस्पिटल मे नए तकनीक द सॉल्युबल स्टेंट से होगा इलाज।

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Asian city Hospital, Patna

इतिहास गवाह रहा है की जब जब चिकित्सा के क्षेत्र मे तकनीकी विकास हुआ है लोगों के स्वास्थ्य पर एक बेहतर प्रभाव पड़ा है। इसी क्रम मे पटना के एशियन सिटी हॉस्पिटल ने एंजियोप्लास्टी के क्षेत्र में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। दरसल पटना मे पहली बार एशियन सिटी हॉस्पिटल ने अत्याधुनिक स्वदेशी सॉल्यूबल स्टेंट/ बायोरीसोर्बेबल स्कैफोल्ड (बीआरएस) का सफल इम्प्लांट किया है।

क्या है एंजियोप्लास्टी?


आपकी जानकारी के लिए बता दें की एंजियोप्लास्टी एक ऐसी सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें हृदय की मांसपेशियों तक ब्लड सप्लाई करने वाली रक्त वाहिकाओं को खोला जाता है. मेडिकल भाषा में इन रक्त वाहिकाओं को कोरोनरी आर्टरीज़ कहते हैं. डॉक्टर अक्सर दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी समस्याओं के बाद एंजियोप्लास्टी का सहारा लेते हैं. अब इस प्रक्रिया के दौरान मेटल का उपयोग किया जाता है जो सर्जरी के साथ ही रह जाता है जबकि एशियन हॉस्पिटल ने मेटल की जगह स्वदेशी सॉल्यूबल स्टेंट/ बायोरीसोर्बेबल स्कैफोल्ड (बीआरएस) का उपयोग किया है जो समय के रक्त के साथ घुल जाता है।

प्रेस काँफ्रेंस के जरिए दी जानकारी

अपने इस प्रयोग के कामयाबी को बताने के लिए कल एशियन हॉस्पिटल और वहाँ के कार्यरत डॉक्टर्स ने प्रेस कॉंफ़्रेंस किया और इस प्रक्रिया के करने और सफल होने की बात बताई।


क्या कहते हैं डॉक्टर

मीडिया से बात चित के दौरान हार्ट स्पेशलिस्ट  डॉ. आदित्य कुमार ने एंजियोप्लास्टी पर जानकारी देते हुए कहा की एंजियोप्लास्टी के क्षेत्र में अत्याधुनिक समाधान है सॉल्यूबल स्टेंट या बीआरएस। यह एंजियोप्लास्टी कराने वाले मरीजों के लिए वरदान है क्योंकि यह शरीर के अंदर आजीवन मेटल स्टेंट मौजूद होने की चिंता को दूर कर देगा. हालांकि, दिल-धमनी की बिमारियों के इलाज में मेटैलिक ड्रग-एल्यूटिंग स्टेंट लगाने का काफी चलन है लेकिन स्थायी रूप से लगे मेटल स्टेंट की वजह से साल दर साल नई समस्याओं का खतरा बना रहता है और यहां तक कि बहुत बाद में भी प्रतिकूल परिणाम दर्ज किये गए हैं. ऐसे में बीआरएस तकनीक एक बेहतर विकल्प है क्योंकि ब्लॉकेज ठीक होने के कुछ समय बाद (लगभग 2 से 3 वर्ष) बायोरीसोर्बेबल स्कैफोल्ड घुल जाता है ।

52 वर्षीय मरीज की हुई सफलतापूर्वक सर्जरी

दरसल पटना निवासी एक मरीज को डायबिटीज, उच्च रक्तचाप के मरीज ने दैनिक काम-काज करते हुए छाती में तकलीफ और सांस फूलना जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगी। उन्हें एशियन सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां कुछ सामान्य जांच की गई जैसे कि इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम (ईसीजी) और ईको. जांच की रिपोर्ट और लगातार छाती में दर्द के आधार पर कोरोनरी आर्टरी एंजियोग्राफी की गई. जांच के परिणामों से यह सामने आया कि एक रक्त वाहिका में ब्लॉकेज है. मरीज की दिल की धमनियों में गंभीर घाव और ब्लॉकेज थे. इसलिए यह सुझाव दिया गया कि एंजियोप्लास्टी करना जरुरी है. जिसके बाद डॉ. आदित्य कुमार ने सॉल्यूबल स्टेंट/ बायोरीसोर्बेबल स्कैफोल्ड (बीआरएस) का उपयोग किया और यह एक सफल प्रक्रिया रही।

गौरतलब है की आज कल के भाग दौर की जिन्दगी मे लोगों को अपने स्वास्थ्य का ख्याल रख पाना मुश्किल होते जा रहा है और हार्ट की समस्याएं उत्पन्न होने लगती है ऐसे मे एशियन हॉस्पिटल ने लोगों के मुश्किलों को आसान बनाने के तरफ आधुनिकता को बढ़ावा देते हुए सराहनीय कार्य किया है।